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इस समय का सबसे आसान कार्य है गाली देना और इसे आप बेख़ौफ़ कर सकते हैं।  आप ऊंचे से ऊंचे व्यक्ति को भी अपनी सुविधा अनुसार नीचे खींच सकते हैं। उनपर अपनी मनपसंद गाली चस्पा सकते हैं। जितनी बार चाहें उतनी बार चस्पा सकते हैं। 
आप अकेले नहीं हैं। आप एक निकालिए। आपके साथी के पास सदी के सबसे बड़ी शक्तिशाली यंत्र है जो आपके एक को अनेक बना सकता है। आपकी शक्ति बढ़ा सकती है।
एक सबसे सकारात्मक बात जो आपके पक्ष में है वह ये कि आप को अपनी गाली की जिम्मेवारी लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप चाहें तो उसे आगंतुक अथवा स्वयंभू आदि विशेषणों से भी सत्कार सकते हैं। 
आप अर्थ अनर्थ की चिंता न करें। अपनी रचनात्मकता पर ध्यान दें। हारने का तो सवाल ही नहीं है। आप किसी भी संरचना की गाली दे सकते हैं। समाज को सब स्वीकार्य है। आप हिन्दू हैं तो मुसलमान को दे दिजिए, मुसलमान है तो हिन्दू को दे दिजिए। ऊंची जाति के हैं तो नीची जाति को दे दिजिए, नीची है तो ऊंची को दे दिजिए। पुरूष है तो महिला को दे दिजिए, महिला हैं तो पुरुष को दे दिजिए। कांग्रेस है तो बीजेपी को दे दिजिए, बीजेपी है तो कांग्रेस को दे दिजिए। आप अपने विचार स्वतंत्र होकर रखे, आपको कोई नहीं रोकेगा। आप बस सीढ़ी चढ़ने की तैयारी करें। ऊंची से ऊंची गाली दे।आप हमारे भविष्य की भाषा है और भविष्य इसी भाषा की मांग कर रहा है। मैं-आप सभी इसकी मिठास का आनंद लेने को लालायित हैं। 
तो चलिए 'भद्रम् कर्णेभि श्रृनुयाम् ' का लालित्य बढावें।
एक नये विचारधारा को दृढ करें-#गालीगलौजवाद।

नोट:-  यह पुरा आलेख एक व्यंग्य मात्र है। मुझे आपकी जिस भावना को छुना था, मैं छु चुका हूं।आप मेरी बात से सहमत हों, न हो। आप स्वतंत्र है। 
 

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